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भूल जाता हूं बहुत कुछ


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मेरी उम्र अभी पचास की नहीं हे
मगर भूल जाता हूं बहुत कुछ

वाणिज्य स्नातकोत्तर हूं, मगर
वाणिज्य मंत्री का नाम याद नहीं
उद्योग जगत के तमाम बड़े नाम याद है
उद्योग मंत्री का नाम याद नहीं
रेल यात्री हूं मगर
रेल मंत्री का नाम याद नहीं
शिक्षित हूं मगर
शिक्षा मंत्री का नाम याद नहीं
ये तो भला हो किसानों का
जिन्होंने कृषि मंत्री का चेहरा याद करवाया

कुछ भी भूल जाने पर
बचपन में मां कहती थी
लालचंद पंसारी से छटाकी दिमाग ले आओ
डॉक्टर मित्र कहता है विटामिन बी की कमी है
और राजनीतिक मित्र कहता है
निजाम में कुछ चेहरों की औकात से बड़े होते हैं पद
तुम खामखाह विचलित मत हुआ करो

मेरी उम्र पचास की नहीं है मगर

 

वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 104