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आओ खुदाई करें


आओ कुदाल फावड़ा कस्सी लेकर आओ
मुल्क को खोदने का काम मिला है हमें

खेत खाले नहर तालाब कुआ बावड़ी नहीं खोदनी
मुल्क खोदना है

बीजना क्‍या है
यह नहीं बताया गया है
बीजने का काम वे खुद करेंगे
हमें सिर्फ खोदना है

हम मजदूर हैं
किसान थोडे ही हैं
जो यह सोचें
कि हमें बीजना क्‍या है

हम बिना भाड़े बाले मजदूर हैं
बिना भाड़े वाले हम मजदूर
अक्सर, मुल्क ही खोदते हैं

 

वीरेंदर भाटिया : चयनित कविताएँ 103