[ ३१ 1 पृष्ठ 19 " २. कौशाम्बी 13 १. वैशाली " ५४९ का पालन उपसम्पदाकी कार्यवाही (३) आनन्दकी कुछ और भूलें ५४५ (४) भोजनसे उठनेके नियम ५३४३. आयुष्मान् पुराणका संगीति-पाठकी (५) प्रवारणाके नियम पाबंदीसे इन्कार ५४५ (६) प्रतिनिधि भेज भिक्षुसंघ में प्रवारणा ४. उदयनको उपदेश, छन्नको ब्रह्मदंड ५४६ (७) उपोसथ स्थगित करना (१) उदयन और उसके रनिवासको उपदेश ५४६ (८) सवारीके नियम ५४६ (९) दूत भेजकर उपसम्पदा ६. अरण्यवास-निषेध, ५४७ भिक्षुणी-विहार- (२) छन्नको ब्रह्मदंड निर्माण, गर्भिणी प्रभाजिताको सन्तान- १२-सप्तशतिका-कंवक ५४८-५८ का पालन, दंडिताको साथिन देना, १. वैशालीमें विनय-विरुद्ध आचार ५४८ दुबारा उपसम्पदा, गौच-स्नान ५४८ (१) अरण्यवासका निषेध (१) बंगालीम पैसे-म्पये का चढ़ावा ५४८ (6) भिक्षुणी-बिहार बनवाना (3) पंना न लेनेने यशका प्रतिसारणीय कर्म (1) गभिणी प्रद्रजिता भिक्षणीकी मन्नान- (1) बगका अपना पक्ष मजबूत करना २. दोनों ओरसे पक्ष-संग्रह (८) मानन्वचारिणीको माथिन देना (५) दृबाग उपसम्पदा २. योगाम्बी (६) पुराणों द्वारा अभिवादन वेगच्छेदन आदि (१) यसका अवन्नी-दक्षिणापथके भिक्षुओं (७) बैठनेव नियम और मंभुत नाणवामीको अपने पक्षमें (८) पाग्याने के नियम करना () ग्नानवे नियम ३.महनाति !!? ११ --पंचशलिका-रबंधक ५४१-४७ (२) रेवतको पक्षमे करना १. प्रथम संगीति ५४१ ( 1 ) वेगालीये. भिक्षुओंका भी प्रयत्न १.राजगह ??? (४) उनका वैशालीवालोंके पक्ष में होजाना (:) नाजगृहम नंगीति करने का हलव ५४० ५१ (:) शालिने नियम पुराना (:) आनन्ने ना गुना (५) नर्वत्रामीका यमके पक्षमें होना निर्वाणवे. समय आनन्दकी भूल ५४४ .नंगीनिकी कार्यवाही ५५५ की शिक्ष-निगमका नाम न (१) साहिताका चुनाव (२) अजित आमन-विनापत्र हा
- कनीकी शि:-नियोजन (३) नंगानिकी कार्यवाही
" ४. शाली