४३७ ०२८ 17 पृष्ठ पृष्ठ (ब) अनुवाद-अधिकरण का गमन (८) पानीके स्थान i. स्मृतिविनय (५) आसन, शय्या ii. तत्पापीयसिक (९) वड्ढ लिच्छवीके लिये पात्र हांकना ४३४ (ग) आपत्ति-अधिकरणका गमन ३. सुंसुमारगिरि (घ) कृत्य-अधिकरणका गमन (७) बोधि राजकुमारका सत्कार ८३६ ५ -जुद्रकवस्तु-स्कंधक ४१८,९ (८) पाँवळेका निषेध १. स्नान, लेप, गीत, आम-खाना, सपंरक्षा, (३. घळा, झाळू, पंखा, छींका, छत्ता, दंड, लिंगकाटना, पात्र-चीवर, थैली आदि ४१८ न-केश, कन-खोदनी अञ्जनदानी १. राजगह ?? . श्रावस्ती (१) स्नान ४१८ (१) घळा-झाळू 633 (0) आभूषण (२) पंखा (3) केग, कंघी, दर्पण आदि (३) छना (८) लेप, मालिग आदि (४) छीका-दंड (५) नाच-नमागा (५) नत्र काटना (६) गौनाचे वस्त्र (६) केय काटना (5) आमग्याना (७) कन-योदनी ४४२ (८) गरी रक्षा (८) नांवे कांगेरे बनन (निषिद) (१) लिंग-टेदन ". (९) अंजनदानी (विहित) (१०) पात्र ६४ संघाटो, आयोगपट्ट, धुंडी, मुद्धी, कमरबंद, (क) पूर्व कथा वस्त्र पहिननेका ढंग ४८२ (ब) नियम ८८२ (११) चीवर (0) आयोगपट्ट (१) सत्र आदि (क) आयोग बनने का सामान (:) टिन-नीदर (3) कमर-बन्द (ः) व.टिनका ऐलाना ( 2 ) घड़ी-मढ़ी (R) काटिनकी मिला ( बन्न पाहिदनेवे दंग (ग) अंगस्नाना नानी आदि १५. दोझ होना, दतदन, आग और पशुसे रक्षा ८४८ 2) नाटिन-माला ?? " 19 " (१) संघाटी ! " 3) आपने आ fapirforje अपनी अपनी भाषा वांदना. सूटी विद्याका न पदना. मनामें बैठनेका हमन्का निषेध
पृष्ठ:विनय पिटक.djvu/३४
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।