[२६] पृष्ठ 11 " " " (२) श्रामणेर होना (३) पागल होना (४) विक्षिप्त होना (५) वेदनट्ट होना ङ. परिमाण-अपरिमाण च. दो भिक्षुओंके दोप (छ) दो भिक्षुओंकी धारणा ६. अ-शुद्ध मूलसे-प्रतिकर्षण १७. शुद्ध मूलसे-प्रतिकर्षण ४-शमथ-स्कन्धक ११. धर्मवाद और अधर्मवाद १. श्रावस्ती १२. स्मृति-विनय आदि छ विनय ३९१ ३९२ 11 ३९४-४१७ ३९४ . / २. राजगृह ३९५ ) ४०० (घ) नियमानुसार yo? (ङ) नियम-विरुद्ध (च) दंडनीय व्यक्ति (छ) दंडित व्यक्तिके कर्तव्य (६) तिणवत्यारक १३. चार अधिकरण, उनके मूल, भेद नामकरण और शमन ४०५ (१) अधिकरणोंके भेद (क) विवाद-अधिकरण (ख) अनुवाद-अधिकरण (ग) आपत्ति-अधिकरण (घ) कृत्य-अधिकरण (२) अधिकरणोंके मूल (क) विवाद-अधिकरणके मूल (ख) अनुवाद-अधिकरणके मूल Yo3 (ग) आपत्ति-अधिकरणके मूल ४०८ (घ) कृत्य-अधिकरणके मूल (३) अधिकरणोंके-भेद (क) विवाद-अधिकरणके भेद (ख) अनुवाद-अधिकरणके भेद (ग) आपत्ति-अधिकरणके भेद ४०९ (घ) कृत्त्य-अधिकरणके भेद (४) विवाद आदि और उनका अधिकरणसे संबंध (क) विवाद और अधिकरण (ख) अनुवाद और अधिकरण (ग) आपत्ति और अधिकरण ४१० (घ) कृत्त्य और अधिकरण (५) अधिकरणोंका शमन (क) विवाद-अधिकरणका शमन i. संमुख विनयसे ii. उद्वाहिकासे ४१२ iii. यद्भूयसिकासे a. शलाका-ग्रहापकका चुनाव I. गूढ़ शलाका-ग्राह ४१४ 2. सकर्णजल्पक शलाका ग्राह ४१५ 3. विवृतक शलाका-ग्राह " (१) स्मृति-विनय (क) पूर्वकथा (ख) स्मृति-विनय (२) अमूढ़-विनय (क) पूर्वकथा (ख) नियम-विरुद्ध (ग) नियमानुकूल (३) प्रतिज्ञातकरण (क) पूर्वकथा (ख) नियम-विरुद्ध (ग) नियमानुसार (४) यदभूयसिक (क) गलाका-ग्राहपककी 11 ४०१ 11 ") IT 17 11 ४०२ योग्यता और चुनाव 11 ४०३ 1) (ख) न्याय-विरुद्ध सम्म- तिदाता (ग) न्यायानुसार सम्म- तिदान (५) तत्पापीयसिक (क) पूर्वकथा (ब) नियमानुमार (ग) नियम-विरुद्ध 11 11 " ४०४
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