[ १८ ] 30 1) " 11 पृष्ठ पृष्ठ ( ४ ) प्रवारणाके चार कर्म १८७ (२) आवासिकों और नवागन्तुकों की ( ५ ) अनुपस्थितकी प्रवारणा अलग प्रवारणा नहीं (६) प्रवारणामें अपेक्षित भिक्षु-संख्या १६८ (३ ) प्रवारणाक दिन आबासके त्यागमें (७) अन्यान्य-प्रवारणामें नियम १८८ नियम १९० (८) एक भिक्षुकी प्रवारणा १८९ (४) प्रवारणाके लिये अयोग्य सभा १९० (९) प्रवारणामें दोपप्रतीकार कैसे और ( ५ ) प्रवारणाके दिन ही प्रबारणा १९० किसके सामने १९० १४. असाधारण प्रवारणा १९० F२. कुछ भिक्षुओंकी अनुपस्थितिमें की गई (१) विशेष अवस्था में संक्षिप्त प्रवारणा १९० नियम-विरुद्ध प्रवारणा १९० (२) दोप-युक्त व्यक्तिकी प्रवारणाका (१) अन्य आश्रमवासियोंकी अनुप- निषेध स्थितिमें आश्रमवासियोंकी प्रवारणा १९० १५. प्रवारणाका स्थगित करना १९२ क. (अ) ०अनुपस्थिति जानकर की गई दोषरहित प्रवारणा १९० (१) अवकाश न करनेपर स्थगित करना १९२ ० जानकर की गई दोषयुक्त (२) अनुचित स्थगित करना (३) स्थगित करनेका प्रकार प्रवारणा १९० ० अनुपस्थितिके सन्देहके साथ की ( ४ ) फटकार करके प्रवारणा पूरा करना १९३ ( ५ ) दंड करके प्रवारणा करना गई दोषयुक्त प्रवारणा १९० (६) वस्तु या व्यक्तिको स्थगित करना १९५ (ड) ०अनुपस्थितिमें संकोच के साथ की गई दोषयुक्त (७) झगळालुओंसे वचनेका ढंग (८) प्रवारणा स्थगित करनेके अनधिकारी १९७ प्रवारणा ख. ०अनुपस्थितिको जाने विना १६. प्रवारणाकी तिथिको आगे बढ़ाना १९७ की गई प्रवारणा १९० ( १ ) ध्यान आदि की अनुकूलताके लिये १९७ ग. ०अनुपस्थितिको देखे विना० १९० ( २ ) प्रवारणाको बढ़ा देनेपर जानेवाले घ. ०अनुपस्थितिको सुने बिना० १९० १९८ ( २ ) कुछ नवागन्तुकोंकी अनुपस्थितिको -चर्म-स्कंधक १९९-२१४ जानकर या जाने, देखे, सुने बिना १. जूते सम्बन्धी नियम १९९ आवासिकों द्वारा की गई प्रवारणा १९० ( ३ ) कुछ आश्रमवासियोंकी अनुपस्थिति १. राजगृह १६६ जानकर या जाने, देख, सुने बिना (१) सोणकोटिविंशकी प्रव्रज्या १९९ नवागन्तुकों द्वारा की गई प्रवारणा १९० ( २ ) अत्यन्त परिश्रम भी ठीक नहीं २०१ ( ४ ) कुछ नवागन्तुकोंकी अनुपस्थिति (३) अर्हत्त्वका वर्णन २०२ को जानकर या जाने, देव, सुने (४) एक-तल्लेके जूतेका विधान २०४ विना नवागन्तुकों द्वारा की गई (५) जूतोंके रंग और भेद ( ६ ) पुराने बहुत तल्लेके जूतेका विधान २०५ (३. प्रवारणाके काल, स्थान और व्यक्ति १९० (७) गुरुजनोंके नंगे पैर होनेपर जूतेका (१) प्रवारणाकी दो तिथियों में एकका निषेध स्वीकार (८) विशेष अवस्थामें आराममें भी जूता के लिये गुंजाइश 1) प्रवारणा
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