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[ १५ ] 11 ८४ 11 91 " पृष्ठ पृष्ठ (३) मुचलिन्द-कथा ७६ (२) अन्य सम्प्रदायी व्यक्तियोंके साथ ११२ (४) राजायतन-कथा (क) लौटे व्यक्तिकी उपसम्पदा ११२ (५) ब्रह्मयाचन-कथा (ख) ठीक न होने लायक ११३ ( ६ ) धर्मचक्र प्रवर्तन (ग) ठीक होने लायक ११४ २. वाराणसी ८० (३) वाणप्रस्थियोंके लिये विशेष ख्याल ११४ ( ४ ) प्रव्रज्याके अयोग्य व्यक्ति ११५ (७) पंचवर्गीयोंकी प्रव्रज्या ८२ (५) मुंडनके लिये संघकी सम्मति ११८ (८) यशकी प्रव्रज्या (६) वीस वर्षसे कमकी उपसम्पदा नहीं (९) श्रेष्ठी गृहपतिकी दीक्षा (१०) यशके गृहस्थ मित्रोंकी प्रव्रज्या (७) पन्द्रह वर्षसे कमको श्रामणेर नहीं ११९ ८६ (८) श्रामणेर शिष्योंकी संख्या १२० (११) मार-कथा ८७ (१२) उपसम्पदा-कथा (९) निश्रयकी अवधि (१३) भद्रवर्गीय-कथा " (१०) किसके लिये निश्रय आवश्यक है, और किसके लिये नहीं १२१ ३. उसला ८६ १. कपिलवस्तु १२२ (१४) उरुवेलामें चमत्कार-प्रदर्शन ८९ (१५) काश्यपबंधुओंकी प्रव्रज्या (११) प्रव्रज्याके लिये मातापिताकी आजा १२२ (क) राहुलकी प्रव्रज्या १२२ ८. गया (ख) श्रामणेर बनानेकी विधि (१६) गयामीसपर आदीप्तपर्यायका उपदेग ९४ (ग) मातापिताकी आज्ञासे प्रव्रज्या १२३ ५.राजगृह (१२) श्रामणेरके विपयमें नियम १२३ (१७) राजगृहम विविसारकी दीक्षा (क) श्रामणेरोंकी संख्या १२३ (१८) सारिपुत्र और मौद्गल्यायनकी (ख) श्रामणेरोंके शिक्षापद ९८ (१३) दंडनीय श्रामणेरोंको दंड १२४ (२. शिष्य, उपाध्याय आदिके कर्तव्य १०० (क) दंडनीय १२४ (१) शिप्यका कर्तव्य (ख) दंड (.) उपाध्यायके कर्तव्य (ग) दंडमें नियम (3) हटाने और न हटाने योग्य गिप्य (घ) निकालनेका दंड १२५ (४) तीन गरणास प्रद्रज्या (१४) उपसम्पदाके लिये अयोग्य व्यक्ति १२५ ( ५ ) उपसम्पदा-कर्म (१५) प्रव्रज्याके लिए अयोग्य व्यक्ति ( भिक्षपनी चार निश्रय (४. उपसम्पदाकी विधि १३० ( ) उपसम्पादकावे वर्ष आदिका नियम १०८ ( १ ) निधयके नियम (२) दळोंको गोत्रके नाममे पुकारना १३१ ( ८ ) अन्नदानीका कर्तव्य (:) अनुश्रावणके नियम {.) आचार्यका वर्तव्य ( ४ ) गर्भने दीन वर्पकी उपमम्मदा (१०) किटनेते कारण ( ५ ) उपपदावे दाधक शारीरिक दोष ३. उपसम्पदा और प्रज्या ११० (६) उपसम्पदा कर्म (क) अनुमानन (द) अनुमाननाना चुनाद 2) प्रव्रज्या " १२९ उपननकी कथा " १३० 27