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•••• ••• 04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)04:00, 18 February 2019 (UTC)~ ~~ 04:00, 18 February 2019 (UTC)नीलम (talk) | विद्यापति। झम्पियन गरजन्ति सन्तति भुवन भरि वरसन्तिया । । कन्त पाहुन काम,दारुण सघने खर शर हन्तिया, ॥४॥ , , कुलिश कत शत पात मुदित मयूर नाचत मातिया । । । । मच दादुरि डाके डाहुकि फाटि जाओत छातिया ॥६॥ तिमिर दिग भरि घोर जामिनी अथिर विजुरिक पॉतिया। विद्यापति कह कैसे गमाओव हरि विनु दिन रातिया ॥८॥ । राधा ।। खेदव मोजे कोकिल अलिकुल वारव करकङ्कन 'झमकाई।। जखने जलदे धवला गिरि वरिसव तखनुक कौन उपाई ॥२॥ गगन गरज घन सुनि मन शङ्कित वारिश हरि करु रावे ।' ।' दखिन पवन सौरभे जदि सतरव दुहु मन दुहु विछुरावे ॥४॥ से सुनि जुवति जीव जदि राखति सुन विद्यापति वानी। ' राजा सिवसिंह इ रस विन्दक मदने वोधि' देव आनी ॥६॥ राधा । अड्कुर तपन तापे जदि जारव कि करव वारद मेहे । । इ नव जीवन विरहे गमाओव कि करव से पिया नेहे ॥२॥ " ।।