को खुशी से खरीदते, पढ़ते, उनसे मन बहलाते और लाम
उठाते हैं। इन पत्रों का उन पर प्रभाव भी खूब पड़ता है।
जैसा हार्ट साहब कहते हैं, पढ़नेवाले वैसा ही करते हैं ।
आपके पत्रों द्वारा अमेरिकन लोगों ने किस कदर और कहाँ
तक राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक, नैतिक और आर्थिक
लाभ उठाया है, यदि इसका व्योरेवार वृत्तान्त लिखा जाय तो
एक ग्रन्थ तैयार हो सकता है। न मालूम कितने देश-द्रोही,
समाज-द्रोही, दुष्ट और पापी जनों ने आपके पत्रों की बदौलत
अपने कुकर्मों का कुफल चखा है। न मालूम कितने बार
आपके पत्रों ने करोड़ों रुपयों की हानि से गवर्नमेंट और प्रजा
को बचाया है। इसी तरह इनकी कृपा से न मालूम कितने
निरपराधियों ने अकाल-मृत्यु के पञ्जे और जेल की यातना
से मुक्ति पाई है। धन्य मिस्टर हार्स्ट ! धन्य तुम्हारी
न्याय-प्रियता!
हार्स्ट साहब के कर्मचारी
अमेरिका में इस समय जो सबसे अधिक योग्य, विद्वान, प्रतिभाशाली और कार्यदक्ष पत्र-सम्पादक हैं उनमें से अधि- कांश आपके अधीन काम करते हैं। आपके पत्रों की उन्नति का यह भी एक कारण है। आप उन्हे तनख्वाह भी अच्छी देते हैं। इतनी अधिक तनख्वाह पानेवाले सम्पादक केवल अमेरिका ही नही, किन्तु किसी देश मे न होगे। आपका