मम्मट, विश्वनाथ, अप्पय-दीक्षित, जगन्नाथराय आदि बड़े-बड़े अलङ्कार-शास्त्रियों की जन्मभूमि, भारत, के बी० ए०, एम० ए० पास युवकों को अलङ्कारशास्त्र पढ़ाने के लिए एक विदेशी विद्वान् बुलाये गये हैं। इनका नाम है―डाक्टर हर्मन जी० जैकोबी। ये जर्मनी के रहनेवाले हैं। जर्मनी मे एक जगह बान है। वहाँ के विश्वविद्यालय मे आप संस्कृत का अध्यापन-कार्य करते हैं। कलकत्ते के विश्वविद्यालय के अधि- कारियों ने, कुछ समय के लिए, आपको कलकत्ते बुलाया है। वहाँ आप उस विश्वविद्यालय के ग्रेजुएटों को अलङ्कारशास्त्र पढ़ावेगे―अलङ्कारशास्त्र पर आप लेक्चर देगे। कलकत्ते मे संस्कृत के अनेक बड़े-बड़े विद्वान्, शास्त्री और आचार्य हैं। क्या ही अच्छा हो यदि उनमें से कोई इस बात पर एक लेख प्रकाशित करने की कृपा करे कि डाक्टर महाशय के अलङ्कार- शास्त्र-विषयक लेक्चरो में क्या विशेषता है। अथवा यदि उनके लेक्चर ही छपाकर प्रकाशित कर दिये जायँ तो और भी अच्छी बात हो। इससे इस देश के आलङ्कारिक पण्डितों की ऑखें तो खुले कि इस तरह नहीं, इस तरह यह शास्त्र पढ़ाया जाता है।
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११―डाक्टर हर्मन जी० जैकोबी