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निकला। उसने चोल देश के राजा को परास्त किया और उसको राजधानी काञ्ची को लूट लिया। मालवा के राजा ने, अपने खोए हुए राज्य को फिर प्राप्त करने के अभिप्राय से, उससे सहायता माँगी। विक्रम ने उसकी सहायता की। गौड़ और कामरूप* तक विजय करता हुआ वह चला गया। सिंहल के राजा को उसने उसके देश से निकाल दिया; मलयाचल के चन्दनवन को उसने उजाड़ डाला; और केरलदेश के नरेश को इस लोक से प्रस्थान कराया। गाङ्गकुण्ड, चक्रकोट और वेङि्ग † को भी उसने जीत लिया।


* विक्रम के द्वारा गौड और कामरूप का विजय किया जाना असम्भव सा जान पडता है। सम्भव है इन देशों के राजाओं के राज्य के किसी भाग में वह अपनी सेनासहित प्रविष्ट हो गया हो और वहाँ लूट मार करके लौट आया हो।

वेङ्गि उस प्रदेश का नाम है जो गोदावरी और कृष्णा के बीच समुद्र के किनारे किनारे चला गया है। उस समय वहाँ चोलों का राज्य था। परन्तु यह नहीं पता लगता कि गाङ्गकुण्ड और चककोट कहाँ थे और अब वे किस नाम से प्रसिद्ध हैं।