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श्री हर्ष


६४१ में जब ह्युयेनत्सङ्ग इस देश में आया, तब चंद्र राज्य करता होगा ऐसा अनुमान हो सकता है। वह बौद्ध था ऐसा चचनामा में भी कहा है। ह्युयेनत्सङ्ग ने उसे ब्राह्मण न कह शूद्र लिखा है, यह उसकी भूल होगी, ऐसा हम नहीं कह सकते, कारण कि चचनामा में तो केवल सुनी हुई बातों के आधार पर लिखा गया है, इसलिये उसका विश्वास नहीं किया जा सकता। इतिहास की कई बातों पर विचार करने से यह अनुमान होता है कि उस समय साहसीराय द्वितीय राज्य करता होगा चन्द्र नहीं क्योंकि चच ने मुल्तान और पर्वत जीत कर काश्मीर तक अपना राज्य विस्तार किया था और वह बहुत बलवान था। इस लिये चच ने ५९७ में नहीं किंतु ६४८ में गादी छीनी होगी और वह इ. स. ६८८ में मर गया होगा। इसके वाद चन्द्र ने इ. स. ६९५ तक राज्य किया होगा, और फिर उसका लड़का दाहिर गादी पर बैठा था जिसे इ. स. ७१२ में महम्मद कासिम ने हराया था।