पृष्ठ:विक्रमांकदेवचरितचर्चा.djvu/११३

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।। ओ३म् ॥

पनी भारत भूमि का अति प्राचीन इतिहास बहुत ही रोचक तथा स्वदेशाभिमान कारक है, तिसपर भी हमारे प्राचीन इतिहासकारों ने जैसा चाहिये वैसा कोई भी इतिहास नहीं लिख रखा, और विशेष कर इ. स. पूर्व ६०० का इतिहास अभी तक वास्तव में अन्धकार में ही पड़ा हुआ है। इसवी सन पूर्व ७०० के पश्चात् का इतिहास भिन्न भिन्न साधनों द्वारा तय्यार हो सका है, परन्तु इस से यहां हमारा सम्बन्ध नहीं है। हमें यहां पर केवल यह याद रखना चाहिये कि इसवी सन ३२० में उन्नति के शिखर पर आरूढ़ गुप्त वंश इ. स. ५३८ में राजा कुमार गुप्त द्वितीय की मृत्यु पर