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जाति के ही लोगों का राज्य था । यह प्राचीन जाति चिरकाल से उस देश पर शासन करती थी । यह जाति प्रसिद्ध नाविक थी । प्रलय के समय मन्यु ने इसी जाति के किसी नेता की सहायता से अपने परिवार की प्राण - रक्षा की होगी । मन्यु ने सुषा नगरी बसाई और उसे अपनी राजधानी बनाया था । पुराणों तथा प्राचीन पर्शिया के इतिहासों से इस पुरी के वैभव का बड़ा भारी वर्णन है। यह प्रसिद्ध नगरी बेरखा नदी के तट पर थी , जो उस काल में सभ्यता का केन्द्र थी । संभवतः सुषा तक प्रलय का जल नहीं पहुँचा। फिर भी नगरी प्रलय के बाद उजड़ गई । बहुत लोग मर गए शेष उसे छोड़कर चले गए। इस उजड़ी हुई नगरी पर धूल के स्तर जमते चले गए। कालान्तर में यह स्तर पांच फीट मोटा हो गया ।