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देहाती पञ्चायतें
दीवानी।
पञ्चायतें नीचे लिखी हुई दीवानीकी नालिशें सुन सकती हैं—
(१) क़ौलो-क़रारपर दिये गये नक़द रुपयेकी बाबत।
(२) जायदाद मनकूलाको दिलवानेकी बावत।
(३) माल मनकूलाको नुक़सान पहुंचानेके मुआविज़े की बाबत।
शर्त यह है कि दावेकी मालियत २५) से ज़ियादह न हो।
फौज़दारी।
पञ्चायतों को नीचे लिखे हुए फ़ौजदारीके जुर्मोंके मुक़द्दमे, और उनमेंसे किसी जुर्ममें मदद पहुँचाने या जुर्म करनेकी कोशिशके मुकद्दमे, सुननेके अधिकार दिये गये हैं—
(क) ताज़ीरात हिन्दके अनुसार।
दफ़ा | ||
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(१) जान-बूझकर चोट पहुँचाना। | ३२३ | |
(२) भड़काये जानेपर हमला करना। | ३५८ | |
(३) भड़काये बिना ही हमला करना। | ३५२ | |
(४) चोरी, यदि चुराये गये मालकी क़ीमत १०) से ज़ियादह न हो। | ३७९ | |
(५) नुक़सान पहुँचाना, यदि १०) से ज़ियादहका नुक़सान न हुआ हो। | ४२६ | |
(६) दङ्गे-फिसादकी नीयतसे किसीकी बेइज्ज़ती (तौहीन) करना। | ५०४ |