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लिली डिप्टी साहब ने दयाराम से पूछा---'इस बारा का हकदार कोई बंकिम है ?" "मैंने तो किसी बंकिम को नहीं देखा हुजूर ! " डिप्टी साहब की धर्मपत्नी श्रीमती श्यामकुमारी ने अमीदार पं० दयारामजी की ओर ऊँगली उठाकर अपने अर्दली से कहा-"डाली-समेत इसे कान पकड़कर बाहर निकाल दो।" सरला को संकुचित एक तरफ खड़ी देखकर डिप्टी साहब ने सस्नेह कहा-"सरला ! तू मुझे भूल गई !" बारा पं० रामप्रसादजी के नाती को मिला। डिप्टी साहब का नाम वेदस्वरूप है।