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भूमिका यह कमानक-साहित्य में मेरा पहला प्रयास है । मुझसे पहलेद हिंदी के सुप्रसिद्ध कहानी-लेखक इस कक्षा को किस दूर उस्क तक पहुँचा चुके हैं, मैं पूरे मनोयोग से समझने का प्रयत्न करके मी नहीं समझ सका। समझता, तो शायद उनसे पर्याप्त शक्ति प्राप्त कर लेता, और पतन के भय से इतना न घबराता। अत: अब मेरा विश्वास केवल लिली' पर है, जो यथा-स्वभाव अधखिली रहकर अधिक सुगंध देती है। सविनय 'निराला' w