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भाषाओं पर भी कुछ दखल पा गई है। तीनो भाषाएँ पढ़ लेती, तीनो में पत्र लिख लेती है। पिता की मृत्यु के बाद उसका विवाह हुआ । माता ने अच्छा घर, पढ़ा-लिखा वर देखकर विवाह किया । दहेज में तीन हजार रुपए दिए । कमला के पति पंडित रमाशंकर अँगरेजी के एम० ए० हैं। इसी साल परीक्षा दी है, अभी फल नहीं निकला। कमला के पड़ोस में कई घर उसके खानदान के हैं। मकान मालिक पंडित शिवरामजी से कमला के पिता की न बनती थी। इसका एक कारण था। कमला की माता गरीब कान्य- कुब्ज की लड़की थी। बीस साल तक अविवाहिता बैठी रही। पिता का देहांत हो चुका था। माता के पास इतना धन न था कि लड़की की शादी बराबरवाले घर में कर देती । कमला के पिता कल्याण-भार्य थे । बिना दहेज लिए उन्होंने कन्या की माता को ऋण-मुक्त किया। यह बात उनके खानदान के आद- मियों को अच्छी न लगी। इसका एक दूसरा कारण था। कमला के ननिहालवाले भैयाचार कमला की नानी को ग़रीबी के कारण छोड़े हुए थे कि खान-पान रखने से लड़की की शादी करानी पड़ेगी। अलग होने के कारण भी उन लोगों ने गढ़ लिए थे, जिनमें कमला की नानी और कुमारी माता के चाल-चलन में फर्क मुख्य था । यह सुनकर कमला के पिता-पक्ष के भैया- चार विवाह के समय से अब तक कमला की माता से कोई तअल्लुक नहीं रखते । कमला के विवाह के समय भी नहीं