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१८
लिली


"जी!" छोटा चिलम रखकर दौड़ा।

"जज साहब से मेरा नाम लेकर कहना, जल्द बुलाया है।"

"और भैया बाबू को भी बुला लाऊँ?"

"नहीं-नहीं।" रामेश्वरजी की पत्नी ने डाँट दिया।

(५)

जज साहब पुत्र के साथ बैठे हुए वार्तालाप कर रहे थे। इँगलैंड के मार्ग, रहन-सहन, भोजन-पान, अदब-कायदे का बयान कर रहे थे। इसी समय छीटा बँगले पर हाज़िर हुआ, और झुककर सलाम किया। जज साहब ने आँख उठाकर पूछा--कैसे आप छीटाराम?"

"हुजूर को सरकार ने बुलाया है, और कहा है, बहुत जल्द आने के लिये कहना।

"क्यों?"

"बीबी रानी बीमार हैं, डॉक्टर साहब आए थे, और हुजूर..." बाकी छीटा ने कह ही डाला था।

"और क्या?"

"हुजूर..."छीटा ने हाथ जोड़ लिए। उसकी आँखें डबडबा आई।

जज साहब बीमारी कड़ी समझकर घबरा गए। ड्राइवर को बुलाया। छीटा चल दिया। ड्राइवर नहीं था। जज साहब ने राजेंद्र से कहा--"जाओ, मोटर ले आओ। चलें, देखें क्या बात है।"