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नूरजहाँ का कौशल थी कि किस प्रकार उसका मृत्युदण्ड टाला गया था। बादशाह शराब के चूंट पी रहे थे, उन्होंने प्याला खाली करके कहा- "नूर, तुमने बड़ी हिम्मत से मेरी जान बचाई।" "और जहाँपनाह ने भीख माँगकर मेरी जान बचाई। कहिए, बादशाह कौन है ?" "तुम, सूर! एक प्याला अब और दे दो। और, जरा दिलरुदा उठाकर एक विहाग की तान सुना दो।" 1 ६३