यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

चतुरसेन की कहानियाँ युवक बड़ो देर तक प्रेम की दृष्टि से युवती को देखता रहा फिर उसने कहा, “जानेमन, दिल छोटान करो, मैं भी कोशिश करूँगा । मगर यह नहीं कह सकता कि तुम यूसुफ की गरीब बीबी बनोगी या हिन्दुस्तान की मलिका। चलो घर चलें, धूप हो गई है दोनों चुपचाप लौटे। मुमताज ने घर आकर देखा, उसके बूढ़े अब्बा जल्दी जल्दी घर की सफाई करा रहे हैं। नौकर, चाकर, लौंडी, सभी इस काम में जुटे हैं। उन्होंने पुत्री को देखकर कहा, "बेटी, इतनी देर से कहाँ गई थी ? जल्दी से नहा कर कपड़े बदल लो, शाहजादा खुर्रम तशरीफ ला रहे हैं।" ताज को काठ मार गया। वह बाप से कुछ न कह चुपचाप घर में चली गई। शाहजादा ने दलबल सहित प्रवेश किया। वृद्ध ने उसे आदरपूर्वक मसनद पर बैठाया। फिर कोरनिश कर हँसकर "तो बादशाह सलामत नागरे वापस चले गए ?" "जी हाँ, उन्होंने और मलिका ने भी रात को कोई बहुत खराब स्वाब देखा था उसी से जहाँपनाह के दुश्मनों की तबियत खराब हो गई, ताहम् उन्हें जल्द चला जाना पड़ा" शाहजादा ने मुस्करा कर कहा। बूढ़ा खिलखिला कर हँस दिया। उसने कहा, “बहुत मुम-