यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
श्रीः
लवङ्गलता
वा
आदर्शवाला
अर्थात्
[हृदयहारिणी उपन्यासका उपसंहार]
उपन्यास
श्री किशोरीलालगोस्वामि-लिखित,
और
श्री छबीलेलालगोस्वामि-द्वारा प्रकाशित
(सर्वाधिकार रक्षित)
"यथा करोति कर्माणि तथैव फलमश्नुते।"
(शान्तिपर्व)
Printed at the C L. Goswami
Shri Sudarshan Press, Biindaban.
दूसरीबार १००० | ◎ | मूल्य दस आने। |
सन् १९१५ ईस्वी