जर्मन राजनीतिकी दिशा ४०६
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मिली है। किन्तु यह भी निर्विवाद है कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एक-दो स्थानोको छोड़कर कही भी कम्युनिस्टोके साथ एक दल वनानेको तैयार नही है । सोशलिस्ट युनिटी पार्टीके प्रोग्रामके कुछ अश हम यहाँ उद्धृत करते है 'केवल एक ही शक्ति ऐसी है जो प्रतिक्रियाकी शक्तियोपर अर्थात मिलिटरिज्म (सैनिकवाद) और फासिज्मपर अन्ततोगत्वा विजय प्राप्त कर सकती है और यह शक्ति समस्त मजदूर-वर्गकी सम्मिलित शक्ति है, जब उसको किसान तथा कामकाजी बुद्धिजीवी- वर्गका घनिष्ठ और दृढ सहयोग प्राप्त होता है । “वर्तमान अवस्थामे, जहाँ हिटलरशाहीने अपने युद्धकालीन अपराधोके कारण तथा अन्य राष्ट्रोकी जनताके विरुद्ध असख्य दुप्टाचार कर जर्मन राष्ट्रोकी एकताको खतरेमे डाल दिया है, वहाँ केवल समस्त फासिज्म विरोधी तथा प्रजातान्त्रिक देशव्यापी शक्तियोकी एकता ही राष्ट्रीय एकताका प्रतिनिधित्व कर सकती है।" "पार्टीका लक्ष्य प्रजातान्त्रिक मार्गद्वारा ही समाजवादकी स्थापना करना है। किन्तु यदि पूंजीवादी वर्ग लोकतन्त्रकी भूमिका परित्याग करेगा तो यह क्रान्तिकारी उपायोका अवलम्बन ग्रहण करेगी।" युनाइटेड पार्टी आत्मनिर्भर और स्वतन्त्र होगी। जर्मनीकी मजदूर जनताके हितोके अनुसार और जर्मनीकी विशेष स्थितिको दृष्टिमे रखकर ही उसकी नीति और कार्य करनेकी शैली निर्धारित और विकसित होगी। अपने निम्नतम तथा उच्चतम कार्यक्रमको सफल बनानेके लिए उसको अपना स्वतन्त्र मार्ग ढूंढ निकालना होगा और इस मार्गका आधार जर्मन जातिके विकासकी विशेषताएँ होगी। राज्यके पुराने ढाँचेका पूर्ण ध्वस करके तथा जर्मनीका लोकतन्त्रात्मक विकास करके कदाचित् ऐसे नवीन और विशेप आधारोका सृजन होगा, जिनसे मजदूरवर्गके हाथमे राजसत्ता क्रमशः प्रायेगी तथा समाज- वादकी स्थापना होगी। "दिन-दिनके सघर्पमे उसका जो दान होगां उसमे तथा अपने सामाजिक गठनमें युनाइटेड पार्टी, मजदूर-वर्गकी पार्टी और समस्त मजदूर जनताको पार्टी होगी। उसकी आन्तरिक व्यवस्था सम्पूर्ण रूपसे प्रजातान्त्रिक होगी । जर्मन जातिके जो सच्चे राष्ट्रीय हित है, उनकी वह रक्षा करेगी और शान्ति-प्रेमी राष्ट्रोके समुदायमें जर्मनीको पुन. सम्मिलित करानेसे ही यह कार्य सम्पन्न हो सकेगा। "मजदूरवर्गके आन्दोलनकी जो सुन्दर परिपाटी चली आयी है, उसीके अनुसार युनाइटेड पार्टी मजदूरोको जो अन्तर्राष्ट्रीयता मान्य है, उसमे प्रतिपन्न होगी और उसका सच्चे हृदयसे समर्थन करेगी और इसी भावसे वह पूंजीवादी देशोके तथा सोवियत यूनियनके मजदूर आन्दोलनके साथ दृढ सम्बन्ध स्थापित करनेकी चेष्टा करेगी। जिस प्रकार सर्वत्र शान्ति, लोकतन्त्र, प्रगति तथा समाजवादको समुन्नत करना उसका कर्तव्य है, जिस प्रकार जातीय अथवा राष्ट्रीय घृणा और विद्वेष अतिराष्ट्रीयता और सोवियत विरोधी प्रचारका शक्तिभर विरोध करना उसका कर्तव्य है, उसी प्रकार अपने संघर्पके लिए अन्य देशोके मजदूर -अान्दोलनका समर्थन प्राप्त करना भी उसका कर्तव्य होगा।"