पृष्ठ:राष्ट्रभाषा पर विचार.pdf/२६८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२५८ राष्ट्रभाषा पर विचार जो शस्त्रस हिंदुओं ( Gentoo ) की ज़बान याने हिंदुस्तानी (Hindostani) में काबिलियत दिखाएगा उसे बीस पौंड इनाम दिया जायगा। (वही, पृ० २२४) किंतु श्राज 'कंपनी' की कृपा से हिंदुस्तानी है विजयी मुसल- मानों की भाषा। देखिए, अँगरेजी के अति प्रमाणिक कोष का कहना है कि हिंदुस्तानी- The language of the Mohammadan Conqu- erors of Hindustan being a form of Hindi with a large admixture of Arabic, Persian and other foreign elements; also called Urdu. (A New English Dictionary on Historical principle, edited by Sir James A, H, Murry, Oxford.) हिंदुस्तान के विजयी मुसलमानों की भाषा है जो हिंदी का ही एक रूप है और अरबी-फारसी और बाहरी अंशों से बहुत मिली-जुली है। इसको उर्दू भी कहते हैं। अस्तु इस विषय में कुछ और अधिक कहने की आवश्यकता नहीं रही। सभी फिरंगी इसका यही अर्थ समझते हैं और आज उनके प्रताप से यही अर्थ विश्व में प्रचलित भी है। किंतु कुछ दिनों से इस देश में एक दूसरी हवा भी चली है जिससे कुछ लोग यह समझने लगे हैं कि वस्तुतः हिंदुस्तानी उत्तर भारत में 'सबकी बोली' है और 'हिंदू' भी घर में इसी को बोलता है और 'मुसलमान' भी, तथा इसको जो हिंदुस्थानी रूप दिया जा रहा है यह पाकिस्तान के द्वेषवश ।