पृष्ठ:राष्ट्रभाषा पर विचार.pdf/२३५

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व्यवहार में हिंदी The official language is English. The court language is Hindustani written in both scripts- Devanagri and Persian. The policy of Gover- nment is that both Devanagri and Persian scripts shuld be treated on the same footing": ( February 7, 1939.) अस्तु हम देखते हैं कि ठीक सौ वर्ष के बाद इतनी रगड़- झगड़ करने के उपरांत फिर नागरी को युक्तप्रांत की अदालतों में उचित स्थान मिला है। अब कहना चाहें तो सरलता से विना किसी रोक-टोक के कह सकते हैं कि प्रारंभ में कंपनी सरकार ने जिस प्रकार फारसी-भाषा और फारसी-लिपि के साथ ही साथ नागरी भाषा और नागरी लिपि को अदालतों में स्थान दिया था, उसी प्रकार युक्तप्रांत की उदार सरकार ने आज फिर उर्दू भाषा (यदि कही जा सकती है) और फारसी-लिपि के साथ हिंदी-भाषा और हिंदी-लिपि को भी स्थान दिया है। अब यह आपका कर्तव्य है कि अपनी भाषा और अपनी लिपि का अपमान करें अथवा संमान ! सरकार तो अब इस विषय में कुछ और करने से रही। यदि कुछ करेगी भी तो नागरी का अनिष्ट ही। क्योंकि गत सो सवा-सौ वर्षों का इतिहास इसी बात का प्रमाण है कि सरकार ने धीरे-धीरे नागरी लिपि और हिंडी-भाषा को कचहरियों और दफ्तरों से बड़ी करता के साथ निकाल दिया और जीजान से इतना प्रयत्न करने पर भी किसी प्रकार उसे उर्दू के बराबर रख दिया। उसने कभी इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि उसके व्यवहार की भाषा कहाँ तक देशभाषा अथवा जनता की बोली है। अच्छा होगा, उसकी सर्वसुबोध हिंदुस्तानी का एक नमूना उसके सामने रख दिया जाय और यह भी स्पष्ट बता दिया जाय १५