पृष्ठ:रामचरितमानस.pdf/८२१

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सटीक रामचरितमानस बालो-सुग्रीव युर। पुनि नाना विधि भई लराई । बिटप ओट देखहि रघुराई ॥ बेलवेढियर प्रेस, प्रयाग। पृष्ठ ७५