का संकेत किया। जहाज़ यद्यपि किनारे से करीब एक मील पर था तथापि जहाज़ के कप्तान मेरे भतीजे ने हम लोगों की बन्दूक की आवाज़ सुनी और दूरबीन से देख कर उसने अच्छी तरह जान लिया कि हम लोग कैसी अवस्था में हैं। उसने तुरन्त लङ्गर उठा कर यथासंभव जहाज़ को किनारे की ओर हटा लिया और एक नाव पर दस आदमियों को सवार करा के मेरी सहायता के लिए भेजा। इस नाव के आरोहियों को हम लोगों ने खूब ज़ोर से चिल्ला कर अपनी नाव के निकट आने से रोका। तब उस नाव में से एक आदमी खूब मोटा रस्सा लेकर पानी में उतरा और नाव की ओट ही ओट से तैर कर हमारी नाव के पास आ गया और नाव को उस रस्से से खूब कस कर के बाँध दिया।
तदान्तर दूसरी नाव के माँझी उस रस्से को खींच कर हमारी नाव को वहाँ से हटा कर दूर ले गये। अब हम लोग उन द्वीप-निवासियों के बाण के लक्ष्य से बाहर निकल गये।
हम लोगों की नाव, जहाज़ और किनारे के बीच से, दूर हटते ही जहाज़ की तोपों से गोले बरसने लगे। जो द्वीपवासी किनारे खड़े थे वे सबके सब उन गोलों की मार से एक ही बार जल भुन कर ख़ाक़ हो गये। हम लोग जहाज़ पर बेखटके सवार हो गये। तब मैंने द्वीपवासियों के अकस्मात् श्राक्रमण का कारण अनुसन्धान कर के मालूम किया कि हम लोगों के एक नाविक ने उनकी एक स्त्री का अपमान किया था; इसीसे उन लोगों ने सन्धि को तोड़ कर रमणी के अपमान का बदला लेने के लिए एकत्र होकर हम लोगों के नाविकों पर आक्रमण किया था। जो नाविक इस अनर्थ की जड़ था वह हम लोगों के साथ लौट कर न पा सका। हम लोगों ने उसके