पृष्ठ:राबिन्सन-क्रूसो.djvu/३४१

यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३१८
राबिन्सन क्रूसो।

मैं इन लोगों से बिदा हो छठी मई को जहाज़ पर सवार हुआ। आज कल करते करते टापू में पच्चीस दिन बीत गये। इँगलैन्ड से मैं जो पशु लाया था वे रास्ते ही में मर गये थे। इसलिए द्वीप-निवासियों से मैंने चलते समय कहा कि हो सकेगा तो ब्रेज़िल से कुछ पशु भेज दूँगा। दूसरे दिन पाँच बार तोप की आवाज़ के द्वारा रवानगी का संकेत कर के मैं जहाज़ पर चढ़ा।



फ़्राइडे की मृत्यु

मैं अपने टापू का सुप्रबन्ध कर के बिदा हुआ। तीन दिन समुद्रयात्रा करने के पीछे नाविको ने खूब ज़ोर से चिल्ला कर कहा "पूरब ओर स्थल दिखाई दे रहा है।" साँझ होने के पहले ही स्थल-भाग का किनारा देखते ही देखते घोर कृष्णवर्ण हो उठा। किन्तु ऐसा क्यों हुआ, इसका कुछ कारण हम लोग समझ न सके। जहाज़ का मेट मस्तूल के ऊपर चढ़कर दूरबीन से देखकर चिल्ला उठा "सैन्य-दल, सैन्य-दल।" मैं उसके कथन का अविश्वास कर उसकी बात काटने लगा। तब वह बोला-आप मेरी बात का विश्वास कीजिए। डोगियों पर करीब एक हज़ार सैनिक-लवार हो हमारी ओर दौड़े चले आ रहे हैं।

यह सुन कर मैं और जहाज़ का कप्तान मेरा भतीजा बड़े ही अचम्भे में पड़ गया। वह बेचारा कभी इतनी दूर न आया था। उस पर मेरे टापू में जाकर असभ्यों की भयङ्कर वृत्ति की कहानी सुन कर उसे अत्यन्त भय हुआ था। उसने दो तीन बार मुझसे कहा-"अब की बार वे लोग आकर हम लोगों को ज़रूर मार कर खा डालेंगे।" मेरा भी