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राबिन्सन क्रूसो ।


असभ्य को पकड़ कर उसे सब बातें भली भाँति समझा कर कह देनी चाहिएँ। इसके बाद उन लोगों से सन्धि स्थापन करानी चाहिए।

बहुत दिनों के अनन्तर एक असभ्य गिरफ्तार किया गया। किन्तु पकड़े जाने से वह बड़ा दुखी हुआ। उसने खाना-पीना छोड़ दिया। आख़िर जब उसने देखा कि उसके साथ दया का व्यवहार हो रहा है तब वह कुछ शान्त हुआ और उसका चित्त स्थिर हुआ। फ़्राइडे के बाप ने उसे समझा दिया कि तुम लोग यदि हमारे साथ अच्छा बर्ताव करोगे तो हम तुम्हें न सतावेंगे, बल्कि तुम लोगों को सब तरह से सहायता देंगे। जो कदाचित् तुम लोग इस प्रस्ताव पर सम्मत न होगे तो तुम लोगों की मृत्यु निश्चित है।

उस व्यक्ति से सन्धि का प्रस्ताव पाकर सभी असभ्य हम लोगों के पास आये। उन्होंने कुछ खाने को माँगा। अब भी उनमें ३७ व्यक्ति जीवित थे। उन लोगों की प्रार्थना पर भात, रोटी और तीन जीवित बकरे उनको दिये गये। भोजन पाकर उन लोगों ने पूर्ण रूप से कृतज्ञता प्रकट की। टापू के दक्षिण भाग में, एक पहाड़ की तराई में, उन लोगों के रहने के लिए जगह दी गई। वे लोग अब भी शान्ति-पूर्वक वहीं रहते हैं। किसी वस्तु की नितान्त आवश्यकता न हो तो वे हम लोगों के अधिकार में किसी प्रकार का दस्तन्दाज़ी नहीं करते। हमारे दलवालों ने उन्हें खेती करना, रोटी बनाना, पशुओं का पालना और दूध दुहना आदि काम सिखलाया है। उनके समाज में सिवा स्त्री के और किसी वस्तु की कमी नहीं है। उन लोगों के अधिकार में डेढ़ मील दौड़ी और चार मील लम्बी भूमि दी गई है जिसमें