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राबिन्सन क्रूसो।


कि चाहे जो हो, इस साले को यहाँ से जीते जी जाने न देंगे। उसके निकटवर्ती होते ही अँगरेज़ ने उसे गोली मार दी। एक ही आवाज़ में तीन आदमी गिरे। उनमें एक तो उसी घड़ी मर गया और दो घायल हुए। घायलों में पलायित व्यक्ति बहुत ज़ख्मी हुआ। तीसरे व्यक्ति का सिर्फ कन्धा गोली से छिल गया था, पर वह उतने ही में भय से अधमरा सा हो गया और खूब ज़ोर से चिल्ला कर आर्तनाद करने लगा।

इन तीनों के पीछे जो पाँच आदमी थे वे विपत्ति का पूरा हाल न समझ कर केवल शब्द से ही डर कर जहाँ के तहाँ खड़े हो रहे। घने वन में बन्दूक का शब्द बड़ा ही गम्भीर और भयोत्पादक हुआ। जंगल के एक प्रान्त से दूसरे प्रान्त तक शब्द की बार बार भीषण प्रतिध्वनि हुई। अगणित पक्षियों के उड़ने तथा कल कल शब्द से सारा जंगल भर गया। ऐसा अश्रुतपूर्व शब्द सुन कर असभ्य गण जो चकित, भीत और स्तब्ध हो तो आश्चर्य ही क्या। थोड़ी ही देर में फिर सर्वत्र सन्नाटा छा गया। असभ्य लोग इस अपूर्व शब्द का कुछ कारण न समझ कर धीरे धीरे उन आहत व्यक्तियों के पास आये। इन अभागों को इस बात की आशङ्का तक न हुई कि हमारे ऊपर भी वही विपत्ति आवेगी जो कि साथियों पर आ पड़ी है। उन लोगों ने वहाँ पर घायलों को घेर कर समाचार पूछा। तीसरे व्यक्ति को बहुत ही हलका ज़ख्म हुआ था। उसने कहा कि "हम लोगों पर देवता का कोप हुआ है। पहले बिजली की तरह एक चमक पैदा हुई, उसके बाद वज्रपात होने से दो आदमी मर गये हैं और मैं घायल हुआ हूँ।" सांसारिक विषयों में जो अनभिज्ञ है उसका इस प्रकार व्याख्यान देना स्वाभाविक ही है। क्योंकि जहाँ लोगों का नाम