भूत-प्रेतों के हाथ में पड़ कर मारे जायँगे? इस प्रकार विलाप कर सभी आर्तनाद करने लगे। फिर उन्होंने नौकारक्षक देानों साथियों का नाम ले ले कर बार बार पुकारा, किन्तु कहीं से कुछ उत्तर न मिला। तब वे लोग पागल की तरह कभी दौड़ने, कभी बैठने और कभी हाथ मलने लगे; कभी क्रोध से अपने सिर के बाल नोचने लगे। मेरे अनुयायी इसी समय उन लोगों पर आक्रमण करने के लिए व्यग्र हो उठे किन्तु मैं इसकी अपेक्षा भी विशेष सुविधा खोज रहा था। मैं चाहता था जिसमें मेरे दल का कोई न मरे और उन के तरफ़ भी कम आदमी मरें। हम लोग सर्वाङ्ग ढक कर धीरे धीरे कुछ दूर और आगे बढ़े, किन्तु फ़्राइडे और कप्तान घुटनों के बल से एक दम उनके पास चले गये।
जहाज़ के जो कर्मचारी मुसाफिरों को जहाज़ पर चढ़ाते और पार उतारते हैं वे सब से बढ़ कर बदमाश और सब फ़सादों की जड़ होते हैं तथा अपने को जहाज़ का मालिक समझ बैठते हैं। किन्तु इस समय सब की अपेक्षा वही अधिक कातर और भयभीत हो गये थे। उनके कुछ कहते ही कप्तान उन पर गोली चलाने के लिए व्यग्र होने लगा। वे लोग ज्योंही कुछ समीप आये त्योंही कप्तान और फ़्राइडे कूद कर आगे जा खड़े हुए और उन पर गोली चला दी। गोली लगते ही जहाज़ का नायब कप्तान धरती पर लोट गया। दूसरा भी गिरा, पर तत्काल मरा नहीं। प्रायः दो घंटे तक जीता रहा। तीसरा आदमी भाग गया। तब मैं अपने दल-बल के साथ आगे बढ़ा। मैं सेनापति, फ़्राइडे मेरा सहकारी सेनाध्यक्ष और कप्तान आदि मेरे सैनिक थे। हम लोगों ने अँधेरे में नाव के पास जाकर उन लोगों से