नाविक लोग नाव पर चढ़ने जा रहे हैं, ऐसे समय फ़्राइडे और मेट ने चिल्ला कर उन लोगों को पुकारा। उन लोगों ने सुन कर उत्तर दिया और शब्द की ओर लक्ष्य करके दौड़े। कुछ देर में खाड़ी के पास पहुँचे। पानी में तैर कर पार होने का साहस न कर के उन लोगों ने पार उतार देने के लिए माँझियों को पुकार कर नाव मँगाई। माँझियों ने खाड़ी में नाव लाकर उन लोगों को पार उतार दिया और नाव को एक पेड़ के तने से बाँध रक्खा। इस दफ़े नाव में सिर्फ दो आदमी रहे। मैं तो ऐसा चाहता ही था। मैंने कप्तान आदि सब को साथ ले चुपके से जाकर नाव के दोनों मनुष्यों को गिरफ़्तार कर लिया। ये उन्हीं जाहिलों के दल के थे। इन्होंने सहज ही में मेरी अधीनता स्वीकार की और हम लोगों के साथ मिल गये।
इधर फ़्राइडे और मेट नाविकों को पुकार कर एक वन से दूसरे वन में घुमा-फिराकर ले जाने लगे। आखिर उन लोगों को हैरान कर के ऐसे घने जंगल में ले जा कर छोड़ दिया कि सन्ध्या होने के पहले नाव पर उन लोगों के लौट आने की संभावना न रही।
अब हम लोग उन के आने की प्रतीक्षा करने लगे। फ़्राइडे लौट कर हम लोगों के साथ आ मिला। कई घंटों के बाद वे नाविक भी थके-माँदे परस्पर बकझक करते शेरगुल मचाते नाव के पास लौट आये। जब उन्हों ने देखा कि नाव सूखे में लगी है और नाव के देने रक्षक ग़ायब हैं तब तो उन के भय और विस्मय की सीमा न रही। वे परस्पर तर्क वितर्क करने लगे-हम लोग न मालूम कैसे मायामय जादूगर के द्वीप में आ गये हैं? क्या हम लोग भी एक एक कर