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क्रूसो के घर में नवीन अभ्यागत।


था। वह उसके साथ बड़ी बहादुरी से युद्ध करने लगा और दो बार उस असभ्य के सिर पर अस्त्र प्रहार किया। असभ्य दीर्घकाय और बलिष्ठ था। उसने उन आघातों की कुछ परवा न कर के स्पेनियर्ड को धक्का मार कर गिरा दिया और उनके हाथ से तलवार छीनने लगा। तब स्पेनियर्ड ने तलवार को दूर फेंक कर पिस्तौल ली। मैं उनको धरती पर गिरा देख सहायता के लिए दौड़ा जा रहा था कि मेरे पहुँचने के पहले ही उन्होंने पिस्तौल की एक ही गोली से उस नीच को मार डाला। फ़्राइडे ने अपना खंजर हाथ में लेकर पराजित शत्रुओं का पीछा किया और जिनको पकड़ पाया उन्हें मार डाला। स्पेनियर्ड ने मेरे पास आकर एक बन्दूक़ मुझसे माँग ली और उससे दो असभ्यों को घायल किया। इक्कीस मनुष्यों में केवल चार आहत और अनाहत व्यक्ति डोंगी पर सवार होकर भाग चले। फ़्राइडे ने उन पर लक्ष्य कर के दो गोलियाँ मारीं, पर ऐसा जान न पड़ा कि किसी को लगी हो।

फ़्राइडे उन लोगों का पीछा करने को प्रस्तुत हुआ। उन का भागना मुझे भी पसन्द न था। कारण यह कि वे लोग अपने देश जाकर शायद अपनी मण्डली को खबर दें और वहाँ से दो तीन सौ आदमी पाकर हम लोगों को मार कर खा डालें। इस लिए फ्राइडे के प्रस्ताव पर स्वीकृत होकर मैं झट कूद कर नाव पर सवार हुआ। वहाँ देखा कि एक आदमी, जिसके हाथ-पाँव बँधे हैं, डोंगी के भीतर पड़ा है और मारे डर के अधमरा सा हो रहा है। उसने सिर्फ शोरगुल सुना है, देखने तो कुछ आया ही नहीं। अतएव उसका भयभीत होना स्वाभाविक ही