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राबिन्सन क्रूसो ।

उन नर-कङ्कालों को अच्छी तरह जला कर मैं अपने घर लौट आया। फ़्राइडे को एक जोड़ी सूती पाजामा दिया और चमड़े का कुरता और टोपी सी कर दी। फ़्राइडे अपने प्रभु की ऐसी पोशाक पहनने को पा कर बहुत प्रसन्न हुआ। किन्तु पहले पहल कपड़ा पहनने में उसे बड़ा ही कष्ट होता था। उसे ऐसा जान पड़ता था जैसे पोशाक पहनने का उसे अभ्यास हो गया।

अब मुझे इस बात की फ़िक्र हुई कि इसको रहने के लिए कहाँ जगह देनी चाहिए। इसको ऐसी जगह रखना चाहिए जहाँ यह आराम से रह सके और मैं भी निर्भय हो कर रहूँ। कारण यह कि राक्षसी प्रकृति के मनुष्य का विश्वास ही क्या? क्या मालूम किस दिन उसकी चित्त-वृत्ति कैसी हो। उसका राक्षसी स्वभाव जिस घड़ी प्रबल हो उठेगा उस घड़ी सर्वनाश होना ही सम्भव है।

मैंने सोच-विचार कर निश्चय किया कि बाहर और भोतर के घेरों के बीच की जगह में उसके लिए एक तम्बू खड़ा कर देना चाहिए। मैंने एक छोटा सा तम्बू खड़ा कर दिया। यहाँ से गुफा के पास वाले दर्वाज़े से मेरे तम्बू में जाने का एक रास्ता था। उसमें मैंने एक फाटक लगा दिया। उसका द्वार अपने तम्बू की ओर रहने दिया और उसमें जञ्जीर भी लगा दो। जञ्जीर लगा देने और बाहर से सीढ़ी खींच कर भीतर रख देने पर सोने की अवस्था में भय की कोई सम्भावना न थी। फ़्राइडे अब सहज ही मेरे घेरे के भीतर आ कर मुझ पर आक्रमण न कर सकेगा। यदि किसी दिन घेरे को लाँघ कर मुझ पर आक्रमण करने का संकल्प करेगा भी