पृष्ठ:राजस्थान का इतिहास भाग 1.djvu/४८८

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300 150 600 4. 150 राठौरों ने राज्य के छ: भाग जाटों से छीने थे और तीन भाग दूसरे राजपूतों से। प्रत्येक भाग बीकानेर राज्य का एक जिला है। ये छ: जिले जो जाटों से छीने गये थे, बीकानेर राज्य के वीच और उत्तरी भाग में हैं। शेष तीन जिले राज्य के दक्षिण और पश्चिम में हैं। उस समय के छ: भाग अथवा जिले इस प्रकार हैं- विभाग ग्राम परगने 1. पूनिया भादराँ, अजितपुर, सीधमुख, राजगढ़, दारद, साँकू आदि। 2. बेनीवाल भूरवरखा, सुन्दरी, मनोहरपुर, कूई बाई आदि। 3. जोया जैतपुर, कंवानो, महाजन, पीपसर, उदयपुर आदि। असिध रावतसर, विरामसर, दादूसर, गुँडइली, कोजर, फुआग आदि। 5. सारन वूचावास, सोवाई, वादन, सिरसिला आदि। 6. गोदारा पुन्दरासर, गोसेनसर (वड़ा), शेखसर, गडसीसर, गरीवदेसर, रंगीसर, कालू आदि। जोड़ शेष तीन भाग अथवा जिले 7.भागौर बीकानेर नगर, किला राजासर, सतासर, चतरगढ़, रिनदसिर, बीतनख, भवासीपुर, जयमलसर इत्यादि। 140... चौपुरा (मोहिलों की राजधानी), सावन्ता, हीरासर, गोपालपुर चारवास, बीदासर, लाडनूं, मलसीसर, खरवूजारा, कोट आदि। 9.खारीपदा 300 700 2200 300... 8.मोहिल 30... कुल जोड़ 2670 जोधपुर से चले जाने के बाद कुछ ही वर्षों में बीका को मरुभूमि में इतनी बड़ी सफलता मिली कि वह छब्बीस सौ सत्तर ग्रामों का राजा बन गया। उसका आतंक बढ़ जाने के कारण वहाँ के कितने ही राज्यों ने स्वयं आत्म-समर्पण कर दिया था। लेकिन मुश्किल से तीन शताब्दियाँ गुजरी होंगी कि बीकानेर राज्य के ग्रामों की संख्या बहुत कम हो गयी। वर्तमान बीकानेर के राजा सूरतसिंह के शासनकाल में वहाँ के ग्रामों की संख्या तेरह सौ से भी कम रह गयी है। मरुभूमि में वीका के जाने और वहाँ पर अपने राज्य का विस्तार करने से पहले जो जाट और जोहिया लोग वहाँ रहते थे, वे पशुओं के पालन का व्यवसाय करते थे। वे गायों और भैंसों का ची तैयार करके बेचते थे। भेड़ों के बालों को बेचने का व्यवसाय करते थे और अपनी इन चीजों के बदले में वे गेहूँ, चावल इत्यादि खाने की चीजें लिया करते थे। 534