- . अय नाम का जो तातारी था, जुल्डस नाम का उसके एक बेटा था और उसके बेटे का नाम ह्यू था। उसके वंशजों से चीन का सबसे पहला राजवंश चला। पुराणों में लिखे अनुसार आयु के यदु नाम का एक बेटा था। इसका नाम कहीं-कहीं जदु भी कहा गया है। यदु और जदु में उच्चारण के सिवा और कोई अंतर नहीं है उसके तीसरे पुत्र ह्यू से किसी संतान का होना हिन्दू लेखक नहीं मानते परन्तु चीन में लोग उसके वंश में अपने आप को इन्दु की संतान मानते हैं ।। अय की नवीं पीढ़ी में एलखा के दो बेटे थे। पहले का नाम काइयान और दूसरे का नगस था। सम्पूर्ण तातार में फैले हुए लोग दूसरे बेटे के वंशज हैं। प्रसिद्ध चंगेज खाँ अपने को काइयान का वंशज मानता था। यह भी माना जा सकता है कि पुराणों और तातारी ग्रंथों में तक्षक और नागवंश2 का जिक्र किया गया है, उनका संस्थापक नगस रहा हो। डी निगनीस ने उसका नाम तकिपुक मुग़ल लिखा है। इन तीनों जातियों की उत्पत्ति जिस प्रकार एक दूसरे से मिलती है, उसका वर्णन ऊपर किया जा चुका है। अब इन जातियों के देवताओं की उत्पत्तियों पर थोड़ा-सा प्रकाश डालने की आवश्यकता है। पुराणों के मत से इला (पृथ्वी) जो सूर्य पुत्र इक्ष्वाकु की पुत्री थी, किसी समय जंगल में घूम रही थी। बुध ने उसे पकड़कर उसके साथ बलात्कार किया। उससे जो संतान पैदा हुई, उससे इंदुवंश की उत्पत्ति हुई। चीनी लोगों का सबसे पहला राजा य (अयू) था। उसकी उत्पत्ति चीनी ग्रंथों के अनुसार इस प्रकार है । यात्रा में एक तारे का उसकी माता के साथ समागम हो गया। उसके गर्भ रह गया और उससे यू की उत्पत्ति हुई। चीनियों का प्रथम राजवंश इसी यू से आरंभ हुआ। यू ने चीन को नौ भागों में बाँटा। उसने ईसा से 2207 वर्ष पहले राज्य करना आरंभ किया था। इस प्रकार तातारियों का अय, चीनियों का यू और पुराणों का आयु-ये तीनों नाम इस बात को साफ-साफ सिद्ध करते हैं कि इन तीनों जातियों का आदि पुरुष-जिसके वंशजों से इन तीनों का विस्तार हुआ-कोई एक था और उसकी उत्पत्ति चंद्रमा से हुई थी। इन्दु अथवा चंद्र का बेटा बुध पहला पुरुष था, जिसे हिन्दुओं में वही स्थान मिला, जो चीन में फो को मिला। अब हमें सीथियन अर्थात् शक जाति की उत्पत्ति पर विचार करना है और देखना है कि उस जाति का इन जातियों के साथ क्या सम्बंध था। सीथियन लोग सबसे पहले अरक्सीज नदी पर रहते थे। उनकी मूल उत्पत्ति इला अर्थात् पृथ्वी से हुई, जिसके कमर के ऊपर का भाग एक स्त्री के रूप में था और नीचे का भाग एक साँप की तरह था। जूपीटर (बृहस्पति) से उसके एक बेटा पैदा हुआ उसका नाम था सीथीस।4 चीनी ग्रंथों के आधार पर सर विलियम जोन्स ने लिखा है कि चीनी लोग अपने आप को हिन्दुओं की एक शाखा मानते हैं। लेकिन प्राचीन तथ्यों पर यह स्वीकार करना पड़ता है कि हिन्दू और चीनी-दोनों चंद्रवंशी जातियाँ हैं और दोनों जातियों के पूर्वज सीथियन (शक्) थे। 2. संस्कृत में नाग और तक्षक को साँप कहते हैं। इसको बुध का चिन्ह माना जाता है। भारत में प्रसिद्ध नाग जाति के लोग सींथिया के निवासी तक्षक और तकयुक हैं। इन लोगों ने ईसा से छह शताब्दी पहले भारत में आक्रमण किया था। यह समय और पुराणों में स्वीकार किया गया समय लगभग एक ही है। सीथीस सीथि से बना है, सीथ + ईश, सीथ = शाक द्वीप और ईस अर्थात् स्वामी, इस प्रकार सीधीस . 1. .3. 4. 38
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