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जालिम सिंह के सम्पूर्ण जीवन का अध्ययन करने के बाद हम यह कहने का साहस करेंगे कि वह एक असाधारण पुरुप था। यही कारण था कि उसने कोटा राज्य में अपना प्रभुत्व कायम किया था। वह प्रायः कहा करता था कि अपने मन के भावों को मैं ही जानता हूँ। यह बात सही है कि वह एक साधारण पुरुप न था और इसलिए उसको समझ सकना साधारण काम न था। कोटा में इतना बड़ा अधिकार प्राप्त करने के बाद भी उसने सुख और विलासिता का जीवन कभी नहीं बिताया। वह स्वाभाविक रूप से गम्भीर था। अपने प्रभुत्व के दिनों में वह कभी बहुत प्रसन्न नहीं हुआ और भयानक से भयानक कठिनाईयों के समय भी उसको किसी ने कभी घबराते नहीं देखा। वह सुख और दुःख में, कठिनाईयों और विपदाओं में एवम् सहयोग और विद्रोह में एक सा रहता था। उसकी सब से बड़ी विशेपता यह थी कि उसमें आत्म संयम था और आत्म बल था। जिसमें आत्म-बल होता है, वह भयानक कठिनाइयों में भी प्रसन्न रहता है। जालिम सिंह में इस गुण का अभाव न था। जालिम सिंह के बहुत निकट रहकर जिसने उसको समझा है, वह जानता है कि वह आशावादी था। अपने किसी भी कार्य में वह कभी असफलता का स्वप्न नहीं देखता था। वह कहा करता था कि एक शक्तिशाली पुरुप को सदा सफलता मिलती है। असफलता मनुष्य की निर्बलता होती है। वह जल्दी किसी पर संदेह नहीं करता था। उसका विश्वास था कि मनुष्य को अपनी निर्वलता में बहुत जल्दी दूसरों पर अविश्वास पैदा होता है। उसका यह भी विश्वास था कि जो दूसरों पर विश्वास करता है उसको कभी क्षति नहीं उठानी पड़ती। सचमुच विश्वास करना मनुष्य का एक अच्छा गुण है। जालिम सिंह अपने कर्मचारियों से काम लेना जानता था और अपने अच्छे व्यवहारों से वह उनके हृदयों पर अपना अधिकार कर लेता था। शासक का यह एक बहुत ऊँचा गुण होता है। पिछले पृष्ठों में यह लिखा गया है कि राज्य के कितने ही कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ वह मित्रता का व्यवहार करता था। राज्य के कार्य में उसकी सफलता का यह एक बहुत बडा कारण था। उसकी बुद्धिमानी की सब से बड़ी खूबी यह थी कि वह जिन कर्मचारियों और अधिकारियों पर विश्वास करता था और उनको अपना मित्र समझता था, उनके द्वारा वह कभी नियंत्रित नहीं होता था, बल्कि उनको वह स्वयं अपने नियंत्रण में रखता था। कर्मचारियो और अधिकारियो को संतुष्ट रखने के लिए वह समय पर वेतन देता था और उनके अच्छे कामों के लिए पुरस्कार देकर उनके उत्साह को बढ़ाता था। जालिम सिंह में बातचीत करने का एक अच्छा गुण था। अपने तर्क और सद्भाव के द्वारा वह लोगों को प्रभावित करना जानता था। ___जालिम सिंह ने कोटा राज्य में खेती के कार्य में बड़ी उन्नति की थी। वह कृपिव्यवसाय को भली प्रकार समझता था और अनाज की पैदावार को बढ़ाना जानता था। यही कारण था कि उसके पहले राज्य में खेती के द्वारा जो अनाज पैदा हुआ करता था उसमें उसके समय बहुत वृद्धि हो गयी थी। जालिम सिंह अनाज की पैदावार का महत्व समझता था और इसलिए वह राज्य की खेती के प्रति अधिक ध्यान देता था। उसके समय में कोटा राज्य में अनाज की पैदावार इतनी अधिक होती थी कि राज्य के लोग कभी अनाज का अभाव महसूस 325