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राजसिंह [आठवाँ कुमारी-इन्कार से क्या होगा, पलक मारते दल बादल छा जायँगे-रूपनगर की ईट से ईट बज जायगी। निर्मल-तो उपाय क्या है ? कुमारी-उपाय है। निर्मल-( हसकर )समझा। पर आपको एक बात मालूम है ? कुमारी-कौन बात? निमल-राणा से महाराज की शत्रुता है । कुमारी-किस बात पर? निमल-महाराणा ने माण्डलगढ़ पर चढ़ाई करके उसे दखल कर लिया है। महाराज उन पर सेना भेजने की तैयारी में है। कुमारी-पिता जी क्या उनसे लड़ सकेंगे? निमल-न लड़ सकें, वे भी वीर हैं। हारना भी तो वेन सहन करेंगे। फिर माण्डलगढ़ उन्हें बादशाह ने दिया था- बादशाह उनकी मदद करेगा। कुमारी-बादशाह ज्योंहीं जानेगा कि उसे डोला देने से इंकार. कर दिया गया है वह रूपनगर की इंट से ईंट बजा देगा। निर्मल-जब जो होगा देखा जायगा। हम स्त्री जाति कर भी क्या सकती हैं। कुमारी-(आँसू भरकर) राजपूतों की बेटियाँ इसी मे तो पैदा