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is राजसिंह [दूसरा नता स्वीकार कर ली है। जहाजपुर, सावर, केकड़ी 'और फूलिया के ठिकाने भी आधीन हो गये हैं। राणा-बहुत खूब, मालपुरे और टोडे का समाचार कैसा है ? गवत मेघसिंह-मोहकमसिंह शक्तावत ने मालपुरे को दिन तक लूटा और भारी खजाना हुजूर में हाजिर किया है। रायसिंह की माता ने ६० हजार २० देकर आधीनता स्वीकार करली है, वीरमदेव के नगर को उसने जलाकर खाक कर दिया है। राणा-उसकी सरकशी अब सही न जाती थी, आशा है वह सीधा हो जावेगा। हाँ टोंक, लालसोट और साम्भर ? रावत मेघसिंह-सोलकी दलपत ने इन ठिकानों को परास्त कर सबसे दण्ड उगाहा है, वह शीघ्र श्रीमानों की सेवा में हाजिर होकर कैफियत निवेदन करेगा। राणा-डूगरपुर ठिकाने ने सरकशी की थी न ? रावत मेघसिंह-घणीखम्मा, अन्नदाता के प्रताप से रावल समरसिंह का मिजाज पब ठिकाने लग गया है उसने १ लाख रुपया, १० गाँव, देशदाण और १ हाथी, १ हथिनी नजर कर आधीनता स्वीकार की है। .: राणा-शरणागत को अभय । उसे १० गॉव, देशदाण और २० हजार रुपये छोड़ दिये जायें। आज ही हमारी ओर से तसल्ली का फर्मान रावल जी को भेज दिया जाय।