यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१२२ राजसिंह [सातवाँ गुलाब-यह तलवार उन्हीं की दी हुई है रानी जी, उनके बाल- काल में सेवक ने इसी तलवार से उन्हें तलवार चलाना सिखाया है। रानी-(तलवार की धार परग्ब कर ) पानीदार चीज़ है । अच्छा, तो लो प्रमाण, अपने स्वामी को दे देना । (बिजली की भॉति तेजी से भरपूर हाथ गर्दन पर मारती है, सिर कटकर धरती में गिर पडता है, धड झूमता है । क्षण भर में घर के लोग जमा हो जाते है । गुलाब हक्का-बक्का खड़ा रह जाता है।) (पर्दा गिरता है)