पृष्ठ:रसिकप्रिया.djvu/४८

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४८ 3 m ( ४८ ) विषय छंदसंख्या विषय छंदसंख्या धीरा ४७ श्रीकृष्ण को प्रकाश चित्रदर्शन ११ अधीरा स्वप्नदर्शन-लक्षण १२ धीराधीरा ४६ श्री राधिकाजूको प्रच्छन्न स्वप्नदर्शन१३ प्रौढ़ा-भेद चतुर्विध ५० श्रीकृष्णजूको प्रच्छन्न स्वप्नदर्शन १४ समस्तरसकोविदा ५१-५२ श्रीराधिकाजूको प्रच्छन्न श्रवण १५ विचित्रविभ्रमा ५३-५४ श्रीराधिकाजूको प्रकाश श्रदरण आक्रामितनायका ५५-५६ श्रीकृष्णजूको प्रच्छन्न श्रवण १७ लब्धायति ५७-५८ श्रीकृष्णको प्रकाश श्रवण प्रौढ़ा-धीरा-लक्षण ५६ उपसंहार प्रौढ़ा सादरा धीरा ५. आकृतिगुप्ता ६१-६२ दंपति चेष्टा-वर्णन प्रौढ़ा अधीरा ६३-६४ श्रीराधिकाजू की सखी को वचन प्रौढ़ा धीराधीरा ६५-६६ कृष्णप्रति परकीया-लक्षण श्रीकृष्णजू को वचन राधिका परकीया के भेद ६८ की सखी प्रति ऊढ़ा-अनूढा-लक्षण चेष्टा-लक्षण ऊढ़ा श्रीराधिकाजू की प्रच्छन्न चेष्टा ह अनूढ़ा श्रीराधिकाजू की प्रकाश चेष्टा १० अनूढ़ा-ऊढ़ा-वचन-लक्षण ७२ श्रीकृष्णजू की प्रच्छन्न चेष्टा ऊढ़ा-वचन उपसंहार १२ श्रीकृष्णजू की प्रकाश चेष्टा स्वयंदूतत्व-लक्षण १३ श्रीराधिकाजूको प्रच्छन्न स्वयंदूतत्व१४ दर्शन-लक्षण १ श्रीराधिकाजू को प्रकाश स्वयंदूतत्व१५ दर्शन के भेद २ श्रीकृष्णजू को प्रच्छन्न स्वयंदूतत्व १६ ३ श्रीकृष्णजू को प्रकाश श्रीराधिकाजू को प्रच्छन्न साक्षात् स्वयंदूतत्व १७-१८ श्रीराधिकाजू को प्रकाश साक्षात् ५ ऊढ़ा को प्रियमिलन १६-२१ श्रीकृष्णजू को प्रच्छन्न साक्षात् ६ अनूढ़ा की लज्जा २२-२३ श्रीकृष्णजू को प्रकाश साक्षात् प्रथम-मिलनस्थान श्रीराधिकाजू कों प्रच्छन्न चित्रदर्शन ८ जनी के घर को मिलन २६ श्रीराधिकाजू को प्रकाश चित्रदर्शन ६ सहेली के घर को मिलन २७ श्रीकृष्णजू को प्रच्छन्न चित्रदर्शन १० धाइ के घर को मिलन २८ ४-८ ७० ७३ ७४ ४ साक्षात् दर्शन ४ ७