भिन्न है । टीकाओं में से सूरति मिश्र की टीका अप्रकाशित है। उनकी इस रसगाहकचंद्रिका टीका का हस्तलेख मेरे प्रिय शिष्य श्रीलक्ष्मीशंकरजी व्यास से प्राप्त हुआ है। पहली टीका पद्य में है दूसरी पुराने गद्य में । यद्यपि पाठनिर्णय करने में बहुत सावधानी रखी गई है तथापि यत्रयत्र कुछ मतभेद की संभावना है। अनेकविध कार्यों में लगे रहने से तथा दृष्टि में मांद्य आ जाने से कुछ त्रुटियाँ संभावित हैं । उनके लिए क्षमार्थी हूँ। रसिकप्रिया- १ पूर्ण । लिपिकाल-सं० १७२२ प्राप्तिस्थान-श्रीबालकृष्णदासजी भार- तेंदुभवन, चौखंभा, वाराणसी। २ खंडित । लिपि ro-X । प्राप्ति०-श्रीबालकृष्णदासजी, भारतेंदु-भवन, चौखंभा, वाराणसी। ३ पूर्ण । प्राप्ति०-काशिराज का पुस्तकालय । हस्तलिखित हिंदी-ग्रंथों का विवरण (काशी नागरीप्रचारिणी सभा) ४ (०३ -८६) । पूर्ण। लिपि-४ । प्राप्ति-काशिराज का पुस्तकालय । ५ (०४-१२८) । पूर्ण । लिपि०-सं० १८१४ । प्राप्ति०-उल्लिखित नहीं है । ६ (१७-६६ ए) । पूर्ण। लिपि०-X प्राप्ति-सेठ चंद्रशंकर, अनूपशहर, जिला बुलंदशहर । (१७-६६ बी) खंडित । लिपि०-४। प्राप्ति०-श्रीदेवकीनंदनाचार्य पुस्तकालय, कामवन, भरतपुर । (२०-८२ सी) खंडित लिपि०-सं १७७४ । प्राप्ति०-६० महावीरप्रसाद दीक्षित, मुहल्ला चंदनियाँ, फतेहपुर । ६ (२३-२.७ प्राई) । खंडित । लिपि०-४ । प्राप्ति-पं० शंभूनाथ, गांव बबुरी, डा० अलीगंज बाजार (सुलतानपुर)। (२६-२३३ एफ्) । पूर्ण । लिपि० सं० १७३७ । प्राप्ति-आनंदभवन पुस्तकालय, डा० बिसवां, जिला सीतापुर । ११ (२६-१९२ एफू)। पूर्ण । लिपि०-सं० १६०८ । प्राप्ति०-५० उलफतरी बसायक नवीस, फतहाबाद, जिला आगरा । 'सभा'-संग्रह १२ (९१-२९) । खंडित । प्रति से संलग्न उसी हस्तलिपि में लिखी 'बिहारी. सतसई' की पुष्पिका में लिपिकाल सं० १७७४ अंकित है । १३ (९१-३०) । खंडित । लिपि०-सं० १८३६ । १४ (५३४-३८२) पूर्ण ? पत्र १-२०५ । लिपि०--- । ७ १०
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