१४८ SUIS Mais S1 भेस भये बिख भावते भूखन भूख न भोजन की कछु ईछी। मीच की साध न सोंधे की साध न दूध सुधा दघि माखन छीछी। चदन तौ चितयो नहीं जात चुभा चित माँहि चितौनि तिरीछी । फूल ज्यो सूल सिला सम सेज बिछौनन बीच बिछी जनु बीछी ॥ ५ ॥ इस भाव के कुछ फ्रेंच भापा के पद्य भी देखिये- Oh I que l'amour est charmante ! Moi, si ma tante le vent bieu, J'y bien consentante, ma tante ne vent pas Daus un convent Jy entre, Ah due l'amour est charmante ! Mais si ma tante ne vent pas, Daus convent J'y entre, J'y prierai Dilu four mes parents, Mais non man tante "आह । प्रेम करने में कैसा सुख है । यदि मेरी चाची सिर्फ इसके लिए आज्ञा दे दे । हाय ! इस बात को मैं कितना चाहती हूँ। यदि चाची ने आजा न दी तो मैं उपासना मदिर मे जाऊँगी" "ाह प्रेम मे कैसा सुख है कितु यदि मेरी चाची मुझे इसकी आज्ञा न देगी, तो मै किसी उपासना मंदिर मे जाऊँगी वहाँ ईश्वर से सव के (सव संबधियो के लिये प्रार्थना करूँगी, पर अपनी चाची के लिये नहीं ।” Mon per' me dit tonjours, Marie toi, fille ! Non, mon, pere, Je ne vene plus aimer, un pas four ma non,
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