१२० are thie thoughts which the creations of feeling and imagination "मधुर शब्दों में कल्पना और भाव-प्रसूत विचारों को प्रकट करने की कला को कविता कहते हैं"। मेकाले का यह वाक्य है- "By poetry, we mean the art of employing words in such a manner as to produce an illusion on imagination.” "शब्दों के प्रयोग की ऐसी कला को कविता कहते हैं, जिससे उसकी कल्पना मे चमत्कार का अविर्भाव होता है"। आक्सफोर्ड कनसाइज़ डिक्शनरी में Poetry का अर्थ यह लिखा है। •Poetry'--"Art, work of the poet." 'कला' कवि का किया हुआ कर्म, (कविता)। अतएव काव्य अथवा कविता का कला होना सिद्ध है, इस सूत्र से साहित्य को भी कला कह सकते हैं। किंतु इस विषय में विशेप तर्क की आवश्यकता नहीं, क्योंकि मेरा विपय काव्य और कविता ही है और उसका 'कला' होना सिद्ध है। अतएव अब मैं प्रकृत विषय की ओर प्रवृत्त होता हूँ । नायिका विभेद अधिकांश काव्य अथवा कविता रूप में ही है, अतएव मैं देखना चाहता हूँ कि कला के रूप में वह कहॉ तक संगत है। पहले काव्य और कविता के विषय में आचार्यों की सम्मति देखिये- अग्निपुराणकार यह कहते हैं- 'संक्षेपाद् वाक्यमिष्टार्थव्यवच्छिन्ना पदावली। काव्य स्फुटदलकार गुणवद्दीषवर्जितम् ।। जिसके वाक्य सक्षिप्त, जिसकी पदावली इष्टार्थ सम्पन्न हो, जिसमें सुदर अलकार हो, जो गुणयुक्त और दोषवर्जित हो वह काव्य कहलाता है- 'पदोषी सगुणौ सालंकारी शन्दायों काव्यम्' । वामन
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