११५ tuhe वह देखतो तो मेरी योर इस ढग से है, जिससे यह प्रकट हो कि उसमे प्रेम नहीं है, परंतु उसके नेत्रों में प्रेम की ज्योति है । अधमा वह है जो प्रेम करने पर भी प्रियतम से रुष्ट रहती है। एक ऐसे ही व्यथित से उसका मित्र क्या कहता है, उसे सुनिये-उसकी पंक्तियो मे से अधमा का भाव फूटा पड़ता है- Why so pale and wan, fond lover i Prythee, why so pale ? Hill, when looking well can't move lier, Looking prevail ? If of herself she will not love, Vothing can make her. 'The Deuil her ! तुम इतने पीले क्यो पड़ गये ? जब तुम अच्छे रहे, तब तो उस- पर तुम्हारा कुछ भो प्रभाव नहीं पड़ा-वह रूठी ही रही। अब इतना दुःख करने से लाम क्या ? अगर वह स्वयं प्रेम नहीं कर सकती तो किसी तरह मनाने से वह राजी न होगी एक व्यथिता परकीया का उदाहरण देखिये- Wi', lightsome heart I pu'd a iose, Frae aff its thorny tree; And my fause luver staw the rose, But lelt the thorn wi' me, प्रोपितपतिका-जो पति के प्रवास-दुःख से दुःखिता हो उसे प्रोपित- 'पतिका कहते हैं- Come ye, yet once again, and set your foot by mine, Whose woeful plight and sorrows great no tongue may well define.
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