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रश्मि रेखा अस्थिर बने रहो तुम तारे अस्थिर बने रहो तुम तारे रहो तपकत कपत निशि दिन तुम ओ गगन दुलारे अस्थिर बने रहो तम तारे । कम्पन के झूले में भूलो सम्बर के उपवन में फूलो गुथे नैशमाला में विहँसो क्षण क्षण साँश सकारे मस्थिर बने रहो तुम तारे ।