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रत्नाकर अर्थात् गोलोकवासी श्री जगन्नाथदास रत्नाकर के संपूर्ण काव्यों का संग्रह (न (काशीनागरी प्रचारिणीसभा प्रकाशक काशी-नागरीप्रचारिणी सभा सं० १९९०