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सोलहवाँ सर्ग।
डर से कुमुद को छुटकारा मिल गया। उधर पुरवासियों के प्यारे कुश के राज्य में भी सर्पों का उपद्रव शान्त हो गया। कुमुद की आज्ञा से सर्पों ने कुश की प्रजा को काटना बन्द कर दिया। और, विष्णु के अवतार रामचन्द्रजी के पुत्र, कुश, की आज्ञा से गरूड़ ने सपों को सताना छोड़ दिया। अतएव कुश सर्पभयरहित पृथ्वी का सुख से शासन करने लगा।