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समर्पण और आत्मोद्घाटन
इ स योगका सम्पूर्ण तत्व यही है कि अपने आपको एक श्रीभगवान् के हवाले कर दो, और किसी पुरुष या पदार्थके हवाले नहीं, और भगवती माताके साथ युक्त होकर विज्ञानमय श्रीभगवान्की परा ज्योति, शक्ति, विशालता, शान्ति, पवित्रता, सच्चैतन्य और आनन्दको अपने अंदर ले आओ।
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राधा अनन्य भगवत्प्रेमकी प्रतिमा है—ऐसा अनन्य भगवत्प्रेम कि जो प्रेमीके ऊर्ध्वतम आध्यात्मिक सत्ता से
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