यह पृष्ठ प्रमाणित है।
दूसरा अध्याय
श्रीकृष्णचन्द्र का वंश
श्रीकृष्णचन्द्र महाराज मातृपक्ष से चन्द्रवंशी यादव क्षत्रियों के नाती थे और पैतृक दृष्टि से सूर्यवंशी क्षत्रियों के वंश से थे। निम्नलिखित वंशावली से उन दोनों प्रसिद्ध क्षत्रिय वंशो से उनका संबंध भली भाँति प्रकट हो जाएगा।
इक्ष्वाकु से बहुत पीढ़ियों पश्चात् उसके वंश में एक राजा हर्यश्व नामक हुआ है जिसने अयोध्या से निकाले जाने पर गोवर्धन की नींव डाली। उस समय मधुवन प्रान्त पर राजा मधु शासन करता था जिसने अपनी कन्या मधुमती का हर्यश्व के संग विवाह कर दिया। इन्हीं दोनों की संतान का वंशवृक्ष पाठकों के सम्मुख उपस्थित किया जाता है :
वंशवृक्ष | |||||||||||
(पैतृक पक्ष) | |||||||||||
हर्यश्व और मधुमती– | |||||||||||
माधव | |||||||||||
भीम | |||||||||||
अन्धक | |||||||||||
रैवत | |||||||||||
विश्वगर्भ | |||||||||||